कायाकल्प अभियान में नगरीय निकायों की सड़कों का होगा रख-रखाव – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 750 करोड़ के सड़क उन्नयन कार्यों को दी स्वीकृति
सिंगल क्लिक से जारी की प्रथम किस्त की राशि 350 करोड़ रूपए
मुख्यमंत्री चौहान ने आज कुशाभाऊ ठाकरे सभागार से प्रदेश के 413 नगरीय निकायों की सड़कों के लिए कायाकल्प अभियान में 750 करोड़ रूपए स्वीकृत और 350 करोड़ रूपये की प्रथम किस्त सिंगल क्लिक से नगरीय निकायों को अंतरित की। कार्यक्रम से प्रदेश के 413 नगरीय निकाय वर्चुअली जुड़े। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर, मंदसौर, जौरा, रामपुर नेकिन और धनपुरी नगरीय निकायों के पदाधिकारियों से वर्चुअली संवाद भी किया।
टेंडर प्रक्रिया 15 से 20 दिन में करें पूर्ण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सड़कों के रख-रखाव का कार्य समय-सीमा में हो। अगले 15 से 20 दिन में टेण्डर की प्रक्रिया पूर्ण कर, एजेंसी निर्धारित करते हुए मई माह तक सभी सड़कों की मरम्मत सुनिश्चित की जाए। इससे वर्षा ऋतु में नागरिकों को सुविधा होगी। यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्य गुणवत्तापूर्ण हो।
स्वच्छता के लिये वार्ड स्तर पर प्रतियोगी भावना से कार्य हो
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ने पूरे देश में स्वच्छता के क्षेत्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह जन-प्रतिनिधियों के सहयोग और जन-भागीदारी से ही संभव हुआ है। मार्च माह में पुन: स्वच्छता सर्वेक्षण आरंभ होने वाला है। सभी नगरीय निकाय, नागरिकों से संवाद और प्रशासन को सक्रिय करते हुए इस दिशा में प्रयास शुरू कर दें। नगरों में वार्ड स्तर पर स्वच्छता के लिए प्रतियोगी भावना से कार्य हो। इसमें रहवासी संघों और नागरिकों का सहयोग लिया जाए। स्वच्छता में प्रथम स्थान पर रहने के लिए हम सभी को प्रयत्नों और परिश्रम की पराकाष्ठा करना है।
ग्रीष्म ऋतु में हो पेयजल की समुचित व्यवस्थाएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नगरीय निकायों में ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की समुचित व्यवस्था बनाये रखने के लिए पदाधिकारियों और जन-प्रतिनिधियों को सचेत किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री पेयजल योजना के कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण हों और उनका उचित रख-रखाव किया जाए। उन्होंने कहा कि अमृत योजना के दूसरे चरण में नल-जल योजनाओं पर 12 हजार 174 करोड़ रूपए का व्यय होगा। पाइप लाईन बिछाने या अन्य कार्यों के लिए खोदी गई सड़कों का रेस्टोरेशन लंबित न हो, इस ओर विशेष रूप से सजग रहें।
पुरानी अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया समय-सीमा में करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने का निर्णय लिया है। साथ ही यह भी फैसला किया हैकि प्रदेश में अब कोई भी नई अवैध कॉलोनी नहीं बनने दी जाएगी। नगरीय निकायों का यह दायित्व है कि वे पुरानी कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया का समय-सीमा में क्रियान्वयन सुनिश्चित करें और अपने क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों के निर्माण की किसी भी संभावना को तत्काल निर्मूल करें।
नगरीय निकाय नवाचार कर बढ़ाये वित्तीय स्त्रोत
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नगरीय निकायों को अपने स्तर पर वित्तीय स्त्रोत बनाने के लिए नवाचार करने होंगे। इस दिशा में इंदौर नगर निगम द्वारा सोलर प्लांट लगाने के लिए ग्रीन बॉण्ड जारी कर नवाचार किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी नगरीय निकाय अपने क्षेत्र में सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 मई अंतर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा दिवस से साँची की विद्युत व्यवस्था सौर ऊर्जा से संचालित होगी। नगरीय निकायों द्वारा वित्तीय स्त्रोत विकसित करने से नगर आत्म-निर्भर होंगे और विकास को गति मिलेगी। साथ ही जन-सुविधाओं का भी विस्तार होगा।
महापौर और अध्यक्षों से संवाद
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नगरीय निकाय के महापौर और अध्यक्षों से संवाद भी किया। इंदौर महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव ने इंदौर की 06 सड़कों के लिए 25 करोड़ रूपये की राशि उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान का आभार माना तथा यातायात प्रबंधन के लिए किए जा रहे नवाचार की जानकारी दी। नगर निकाय मंदसौर, जौरा और धनपुरी के पदाधिकारियों ने भी मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा सड़कों के रख-रखाव के लिए राशि उपलब्ध कराने की पहल के लिए आभार व्यक्त किया।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि विकास और सामाजिक सरोकार के कार्यों के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा करने वाले मुख्यमंत्री श्री चौहान की पहल पर प्रदेश के इतिहास में पहली बार नगरीय निकायों को सड़कों के रख-रखाव के लिए राज्य के बजट से राशि उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश स्वच्छता के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है और हमारे शहर देश में मॉडल के रूप में विकसित हो रहे हैं।
2611 अहाते बंद होंगे
मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने शराब को हतोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा किए गए प्रावधानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 2611 अहाते बंद होंगे। धार्मिक और शैक्षणिक संस्थाओं के आस-पास शराब की दुकानें नहीं खोली जाएंगी। शराब के नशे में गाड़ी चलाने वालों के ड्राइविंग लायसेंस निरस्त किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा के किनारे 64 शराब दुकानों को बंद करने और नई शराब दुकानें नहीं खोलने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है। श्री सिंह ने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश में शराब से प्राप्त होने वाला राजस्व बहुत कम है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति शराब की खपत भी सबसे कम है।
बहनों को एक साथ 2 सौगातें
मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बहनों को एक साथ 2 सौगातें दी है। जहाँ एक और शराब अहातों के कारण उन्हें हो रही परेशानियों से बचाया है, वहीं लाड़ली बहना योजना लागू कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने का कार्य किया है।
सभी 413 नगरीय निकायों में कल होगी धन्यवाद सभा
मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि शराब के नशे को हतोत्साहित करने के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा लाई गई नई शराब नीति के लिये उन्हें धन्यवाद देने के लिये सभी 413 नगरीय निकायों में 21 फरवरी को धन्यवाद सभा की जायेगी। धन्यवाद सभा प्रदेश के प्रमुख स्थान पर होंगी। उन्होंने महिला पार्षदों से आग्रह किया कि वे बहनों को धन्यवाद सभा में जरूर लायें।
नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्री ओ.पी.एस. भदौरिया ने कहा कि सड़कों के रख-रखाव में गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए। रख-रखाव के कार्यों के क्रियान्वयन में जन-प्रतिनिधि सजग रहते हुए सहयोग करें। इससे समय-सीमा में कार्य पूर्ण करना संभव होगा।
प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री नीरज मंडलोई ने कहा कि नगरीय निकायों की सड़कों के रख-रखाव का दायित्व नगर निगमों का है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की पहल पर नगरीय निकायों को सड़क रख-रखाव के लिए राशि उपलब्ध कराई जा रही है। भोपाल की महापौर श्री मालती राय, भोपाल नगर निगम के अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कायाकल्प अभियान में नगरीय निकायों की सड़कों के उन्नयन के लिये जनसंख्या की श्रेणी के आधार पर राशि आवंटित की गई। दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों के लिये 25 करोड़, दो लाख से 10 लाख तक की जनसंख्या वाले नगरों को 7 करोड़, एक से 2 लाख तक की जनसंख्या पर 3 करोड़, 50 हजार से एक लाख तक की जनसंख्या पर 2 करोड़ 50 लाख, 30 से 50 हजार तक की जनसंख्या पर एक करोड़ 60 लाख, 20 से 30 हजार तक की जनसंख्या पर एक करोड़ और 20 हजार से कम जनसंख्या वाले नगरों को 50 लाख रूपये अंतरित किये गये। कार्यों की निगरानी के लिये राज्य संचालनालय और संभाग स्तरीय समिति का गठन किया गया है। गुणवत्ता नियंत्रण के लिये संभाग स्तरीय मोबाइल टेस्टिंग लेब की स्थापना की गई है। राज्य स्तरीय क्वालिटी मॉनिटर्स मनोनीत किए गए हैं। शहरों के जिन मार्गों में आवागमन अधिक होता है, उनका उन्नयन प्राथमिकता से किया जायेगा।