कपिल शर्मा ने अब्बास मस्तान (सही नाम मुस्तन) के निर्देशन में बनी फिल्म ‘किस किस को प्यार करूं’ से फिल्मों में कदम रखा। दूसरी फिल्म ‘फिरंगी’ भी फ्लॉप रही। माना जाता है कि कपिल शर्मा के कॉमेडी शो में जाने से फिल्म कलाकारों का दर्शकों से सीधा संवाद होता है लेकिन इस शो पर अपनी फिल्मों का प्रचार करने वाले ये बात भूल जाते हैं कि वह इस मंच पर बस एक कठपुतली होते हैं, जिनकी डोर कपिल शर्मा के हाथ में होती है। सिनेमा मालिक मनोज देसाई तो साफ कहते हैं कि ये शो फिल्म कलाकारों के स्टारडम को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है और वही अब कपिल शर्मा के साथ फिल्म ‘ज्विगाटो’ में हो रहा है। कॉमेडी की छवि से उबरने के लिए वह आम आदमी बनने की कोशिश तो करते दिखते हैं लेकिन अगर उन्होंने इसके लिए राजेश खन्ना की फिल्म ‘बावर्ची’ एक बार देख ली होती तो उन्हें समझ आता कि आम इंसान की सहजता किसे कहते हैं। हां, पत्नी की भूमिका में शहाना गोस्वामी ने अपनी भूमिका के साथ पूरी तरह से न्याय किया है। कहने को फिल्म गुल पनाग, स्वानंद किरकिरे और सयानी गुप्ता भी हैं, लेकिन इनमें से किसी के भी किरदार का मूल कहानी से तारतम्य बैठता नहीं दिखता।