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भारत को पुन: विश्वगुरु बनाने के अभियान अंतर्गत साईं मसन्द का 24 मार्च से 10 अप्रैल तक महाराष्ट्र व उत्तरप्रदेश प्रवास

25 व 26 मार्च को अमरावती में अ.भा. सिंधी संत सम्मेलन में होंगे शामिल एवं 27 को संतों, नेताओं व पत्रकारों से मंत्रणा

4 अप्रैल को काशी में शंकराचार्य सन्यास दिवस के अवसर पर सिंधी संतों व नेताओं की शंकराचार्य से करवाएंगे भेंट

6 को प्रयागराज, 8 को कानपुर व 9 को लखनऊ में बैठकें, सिंधी संतों व नेताओं का शंकराचार्यों से बढ़वाएंगे सम्पर्क

रायपुर। भारत में हर युग में लागू रहे सनातन वैदिक सिद्धांतों पर आधारित धर्म के शासन की व्यवस्था को देश में शंकराचार्यों एवं अन्य महान संतों के सहयोग से वर्तमान प्रजातांत्रिक प्रणाली के अंतर्गत ही पुन: लागू करवाकर भारत को विश्वगुरु बनाने का अभियान चला रहे मसन्द सेवाश्रम के पीठाधीश साईं जलकुमार मसन्द साहिब 24 मार्च से 10 अप्रैल तक महाराष्ट्र व उत्तरप्रदेश का प्रवास करेंगे। उनका इस प्रवास का मुख्य उद्देश्य अपने सिंधी समुदाय के विभिन्न संतों, नेताओं व योग्य समाज सेवकों का देश के चारों मान्य शंकराचार्यों एवं अन्य महान संतों से सम्पर्क बढ़वाना है।
करीब 11 वर्षों से भारत को पुन: विश्वगुरु बनाने का अभियान चलाने के कारण साईं मसन्द साहिब का देश के पूज्यपाद शंकराचार्यों, संतों के अखाड़ों के करीब सभी प्रमुख महंतों,अधिकांश महामण्डलेश्वरों तथा अन्य प्रमुख संतों से सम्पर्क है। साईं मसन्द साहिब 24 मार्च को सुबह पौने नौ बजे हावड़ा मुम्बई मेल द्वारा रायपुर से अमरावती जाएंगे, जहां वे 25 व 26 मार्च को अखिल भारतीय सिंधी संत सम्मेलन में भाग लेंगे। अगले दिन 27 मार्च को वे वहां संतों, नेताओं व पत्रकारों से देश के असली शंकराचार्यों व अन्य महान संतों से सम्पर्क बढ़ाये जाने के औचित्य व महत्व पर मंत्रणा करेंगे।
साईं मसन्द साहिब 1 से 10 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश का प्रवास करेंगे। वे 1 से 5 अप्रैल तक वाराणसी स्थित श्रीविद्यामठ में ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम के पूज्यपाद शंकराचार्य स्वामीश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज के अतिथि रहेंगे। वे 3 अप्रैल को दोपहर 3 बजे साईं वसणशाह दरबार उल्हासनगर, मुम्बई के पीठाधीश, सिंधी समाज के महान संत पूज्यपाद साईं कमलेश जज्ञासी साहिब तथा वाराणसी व प्रयागराज की विभिन्न सिंधी सामाजिक संस्थाओं के प्रमुख पदाधिकारियों की पूज्यपाद शंकराचार्य स्वामीश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द जी महाराज से भेंट करवाकएंगे। वे 6 को प्रयागराज, 8 को कानपुर एवं 9 अप्रैल को लखनऊ के सिंधी संतों, नेताओं व प्रमुख समाज सेवकों के साथ बैठकें कर देश के शंकराचार्यों एवं अन्य महान संतों से सम्पर्क बढ़ाए जाने के महत्व पर मंत्रणा करेंगे। साईं मसन्द साहिब 11 अप्रैल को सुबह 7 बजे गरीबरथ ट्रेन से रायपुर आएंगे।
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