प्रधानमंत्री का फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा
प्रस्थान पूर्व वक्तव्य
यह यात्रा इस लिये विशिष्ट है क्योंकि मुझे राष्ट्रपति मैक्रों के साथ फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस या बास्टील-डे पर पेरिस में होने वाले समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित होना है। बास्टील-डे परेड में भारत की तीनों सेनाओं का दल भी हिस्सा लेगा, जबकि भारतीय वायुसेना इस अवसर पर फ्लाई-पास्ट का प्रदर्शन करेगी।
इस वर्ष हमारी रणनीतिक साझेदारी की वर्षगांठ है। गहरे विश्वास और संकल्प में निहित हमारे दोनों देशों के बीच रक्षा, अंतरिक्ष, असैन्य परमाणु, नीली अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश, शिक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच मेल-मिलाप सहित विभिन्न क्षेत्रों में करीबी सहयोग हो रहा है। हम क्षेत्रीय और वैश्विक विषयों पर भी मिलकर काम करते हैं।
मैं राष्ट्रपति मैक्रों से अपनी मुलाकात और विस्तृत विषयों पर चर्चा करने को उत्सुक हैं, ताकि दीर्घकालीन और समय पर खरी उतरने वाली हमारी साझेदारी अगले 25 वर्षों के कालखंड में और आगे बढ़े। वर्ष 2022 की मेरी पिछली फ्रांस यात्रा के बाद से मुझे राष्ट्रपति मैक्रों से मिलने के अनेक अवसर मिले हैं। हाल ही मई 2023 में जी-7 शिखर वार्ता के दौरान जापान के हिरोशिमा में मैं उनसे मिला था।
मैं फ्रांस की प्रधानमंत्री महामहिम सुश्री एलिजाबेथ बोर्न, सीनेट के अध्यक्ष महामहिम श्री जेरार्ड लार्शल और नेशनल असेम्बली की अध्यक्ष सुश्री येल ब्रॉन-पिवे सहित फ्रांस के नेतृत्व से बातचीत करने के लिये भी उत्सुक हूं।
अपनी यात्रा के दौरान, मुझे ऊर्जावान भारतीय समुदाय, दोनों देशों के दिग्गज सीईओ और फ्रांस के प्रसिद्ध महानुभावों से मिलने का अवसर मिलेगा। मुझे विश्वास है कि मेरी यात्रा से हमारी रणनीतिक साझेदारी को नई गति मिलेगी।
पेरिस से मैं 15 जुलाई को अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात की राजकीय यात्रा पर जाऊंगा। मैं संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक अपने मित्र महामहिम शेख मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाहयान से मिलने के लिये उत्सुक हूं।
हमारे दोनों देश व्यापार, निवेश, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, शिक्षा, फिन-टेक, रक्षा, सुरक्षा और लोगों के बीच गहरे मेल-मिलाप जैसे विस्तृत क्षेत्रों में सहयोग करते हैं। पिछले वर्ष राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन ज़ायद और मैं हमारी भावी साझेदारी का रोडमैप बनाने पर सहमत हुये थे, और मैं उनके साथ चर्चा करने की प्रतीक्षा में हूं कि कैसे हम अपने रिश्तों को और गहरा बना सकते हैं।
संयुक्त अरब अमीरात इस वर्ष के अंत तक यूएनएफसीसी (कॉप-28) के पक्षकारों के 28वें सम्मेलन की मेजबानी करेगा। मैं जलवायु सम्बंधी कार्यवाही को तेज करने के बारे में वैश्विक सहयोग को मजबूत बनाने पर विचारों का आदान-प्रदान करूंगा, ताकि पेरिस समझौते के तहत ऊर्जा अंतरण व क्रियान्वयन को संभव बनाया जा सके।
मुझे विश्वास है कि संयुक्त अरब अमीरात की मेरी यात्रा से हमारी समग्र रणनीतिक साझेदारी का एक नया अध्याय शुरू होगा।
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