छत्तीसगढ़ में नए साल में ही मिलेगी मंत्रियों काे कुर्सी
रायपुर. छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार ताे बन गई है। लेकिन जहां तक मंत्रियाें का सवाल है ताे इनकाे अभी अपनी कुर्सी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा, ऐसा मना जा रहा है कि नए साल से पहले मंत्रिमंडल का गठन संभव नहीं हाेगा। इसी के साथ एक बड़ी बात यह भी है कि ज्यादातर मंत्रियाें के चेहरे भी नए हाेने वाले हैं।
भाजपा ने जिस तरह से चौकाने वाले फैसले किए हैं और छत्तीसगढ़, मप्र और राजस्थान में नए चेहरों को मुख्यमंत्री बनाया है, उससे यह भी संभावना है कि कैबिनेट के विस्तार में भी चौकाने वाले फैसले हो सकते हैं। जिन पुराने विधायकों को दावेदार माना जा रहा है, उनका नाम कट भी सकता है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ दो उपमुख्यमंत्रियों ने भी शपथ ले ली है। लेकिन कैबिनेट का विस्तार अब विधानसभा सत्र के बाद होगा। जल्द ही प्रदेश की सरकार विधानसभा का सत्र बुलाकर विधायकों को शपथ दिलाने का काम करेगी। खुद मुख्यमंत्री ने भी कह दिया है कि कैबिनेट के विस्तार के लिए थोड़ा इंतजार करें। इधर राज्यपाल भी दिल्ली दौरे पर चए गए हैं। उनकी वापसी की तिथि भी अभी तय नहीं है।
प्रदेश के नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के शपथ ग्रहण के पहले इस बात को लेकर लगातार चर्चा रही कि उनके साथ मंत्रिमंडल का भी शपथ ग्रहण होगा, लेकिन अंत में मंत्रिमंडल के गठन को अंतिम रूप नहीं दिया गया और मुख्यमंत्री के साथ दो उपमुख्यमंत्रियों अरुण साव और विजय शर्मा को शपथ दिलाई गई। इसके बाद अब मंत्रिमंडल को लेकर कयास लगाए जाने रहे हैं कि इसका गठन कब होगा। भाजपा के सूत्रों ने खास जानकारी देते बताया है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व कैबिनेट के विस्तार को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता है।
भाजपा के सूत्रों का कहना है कैबिनेट के विस्तार को लेकर अभी समय लिया जाएगा। इसलिए पहले विधानसभा का सत्र बुलाने की तैयारी है। एक- दो दिनों में इसका फैसला करके सत्र बुलाया जाएगा। इस सत्र में विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। प्रोटेम स्पीकर के लिए सबसे ज्यादा 8 बार जीतने वाले बृजमोहन अग्रवाल का नाम सामने आ रहा है।
मंत्रिमंडल में स्थान पाने के दावेदारों का अब इंतजार लंबा हो गया है। एक दिन पहले यह कहा जा रहा था कि शपथ ग्रहण वाले दिन सुबह को दावेदारों को फोन करके बताया जा सकता है कि उनका नाम मंत्रिमंडल की सूची में है, लेकिन शपथ ग्रहण में मंत्रिमंडल का गठन ही टाल दिया गया। अब कैबिनेट का विस्तार कब तक होगा, यह अभी तय नहीं है।
कैबिनेट का विस्तार अभी नहीं होगा, इसलिए मुख्यमंत्री के साथ ही दो उपमुख्यमंत्रियों के बीच में जरूरी विभागों का बंटवारा हो जाएगा और इसी के साथ काम प्रारंभ हो जाएगा। जब बाद में कैबिनेट का विस्तार होगा तो विभागों का बंटवारा नए सिरे से होगा।