छत्तीसगढ़ प्रदेश

“गरीब मांगे तो भीख, अमीर मांगे तो चंदा”: विजय झा ने प्रशासनिक निष्पक्षता पर उठाए गंभीर सवाल

ज़ोहेब खान……..रायपुर। आम आदमी पार्टी के कर्मचारी विंग के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा ने प्रदेश सरकार और प्रशासन पर निष्पक्षता के अभाव और भेदभावपूर्ण नीतियों का आरोप लगाते हुए कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि संविधान और निष्पक्षता के सिद्धांतों का लगातार उल्लंघन हो रहा है। सत्ता से जुड़े संगठनों को प्रमुख स्थानों पर धरना और प्रदर्शन की अनुमति दी जाती है, जबकि शासकीय कर्मचारियों और आम जनता को 18 किलोमीटर दूर स्थित तूता धरना स्थल भेज दिया जाता है, जहां सुविधाओं का घोर अभाव है।

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प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल

श्री झा ने बताया कि युवा कांग्रेस को रायपुर में मुख्य मार्ग पर मंच बनाकर प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई, जबकि शासकीय कर्मचारियों को ऐसी जगह धरना देने के लिए मजबूर किया जाता है, जहां बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। ऐसे स्थानों पर विषैले जीव-जंतुओं का खतरा बना रहता है। उन्होंने इसे शासन-प्रशासन की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़ा करने वाला कदम बताया।

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तूता धरना स्थल का मुद्दा

श्री झा ने कहा कि तूता धरना स्थल को वापस रायपुर लाने की कोई ठोस पहल नहीं हो रही है। उन्होंने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन दलों ने अपने-अपने शासनकाल में धरना स्थलों और सार्वजनिक स्थानों का व्यावसायिक उपयोग किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने बूढ़ा तालाब धरना स्थल को व्यावसायिक प्रयोजन के लिए बेच दिया, जबकि भाजपा नेताओं ने इस पर विरोध जताने की बजाय चुप्पी साध ली।

 

संविधान पालन दिवस की मांग

श्री झा ने सुझाव दिया कि देश में केवल संविधान दिवस मनाने से काम नहीं चलेगा। अब समय आ गया है कि “संविधान पालन दिवस” भी मनाया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में “हमारी मर्जी, जो चाहें कर लो” जैसी नीतियां लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा हैं।

 

चुनाव में जनता देगी जवाब

श्री झा ने कहा कि प्रदेश की जनता इन भेदभावपूर्ण नीतियों और शोषण का जवाब आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में देगी। उन्होंने कहा, “यह पब्लिक है, सब जानती है।”

 

निष्कर्ष

विजय झा ने प्रदेश सरकार और प्रशासन से आग्रह किया कि वे संविधान के मूल सिद्धांतों का पालन करें और निष्पक्षता सुनिश्चित करें। उनके इस बयान ने प्रदेश की राजनीतिक और प्रशासनिक कार्यप्रणाली को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।

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