खबर No1……रायपुर। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड द्वारा मस्जिदों में जुम्मे की तकरीरों को लेकर जारी आदेश ने मुस्लिम समाज में तीव्र आक्रोश फैला दिया है। यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव मोहम्मद फहीम शेख ने इस आदेश को असंवैधानिक करार देते हुए वक्फ बोर्ड की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “यह हमारे धार्मिक अधिकार और संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का खुला उल्लंघन है। वक्फ बोर्ड को इस तरह के हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है।”
सलीम राज पर तीखा हमला
फहीम शेख ने वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “जो लोग खुद मस्जिदों में नमाज तक नहीं पढ़ते, उन्हें तकरीरों की विषय-वस्तु तय करने का अधिकार किसने दिया?” उन्होंने इसे मुस्लिम समाज की धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताते हुए चेतावनी दी कि “अगर वक्फ बोर्ड ने अपने रवैये में बदलाव नहीं किया, तो समाज सड़कों पर उतरकर इसका कड़ा विरोध करेगा।”
आदेश को बताया तुगलकी फरमान
फहीम शेख ने इस आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि “हमारा संविधान हर नागरिक को अपनी बात कहने की आजादी देता है। वक्फ बोर्ड का यह कदम न केवल गैर-कानूनी है, बल्कि अल्पसंख्यक समाज के अधिकारों का भी हनन है।”
समाज में बढ़ता विरोध
इस फैसले से समाज के सभी वर्गों में असंतोष फैल गया है। लोग इसे धार्मिक मामलों में गैर-जरूरी दखलंदाजी बताते हुए तुरंत वापस लेने की मांग कर रहे हैं। मुस्लिम समाज के लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि यह आदेश वापस नहीं लिया गया, तो बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
समाज में सवाल, वक्फ बोर्ड की भूमिका संदेह के घेरे में
वक्फ बोर्ड के इस आदेश ने उसकी भूमिका और मंशा को कटघरे में खड़ा कर दिया है। समाज के नेताओं का कहना है कि यह कदम सिर्फ धार्मिक स्वतंत्रता को दबाने की कोशिश है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।