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राष्ट्रीय राजमार्ग में यात्री बसों की खूनी रफ्तार आए दिन यात्रियों के लिए हो रही जानलेवा साबित

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ सरकार का यातायात विभाग प्रतिवर्ष इसको लेकर जनसामान्य को जागरुक करने यातायात सप्ताह मनाता है लेकिन जनसामान्य कब जागरुक होगा पता नहीं। यही वजह है कि यात्री बसों की खूनी रफ्तार आए दिन यात्रियों के लिए जानलेवा बनती जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर जगदलपुर से रायपुर के मध्य बेतहाशा गति से दौड़ती ये बसें वाहन में सवार यात्रियों की सुरक्षा के बारे में बिना कुछ सोचे विचारे गति को लेकर इतने मदहोश हो जाते है कि कभी भी वाहन उनके नियंत्रण से हटकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। कभी पहले पहुंचने की होड़ तो कभी अपने प्रतिव्दंदी वाहन को पीछे छोडऩे का नशा उन्हें ऐसा मतवाला कर देता है कि वो भला बुरा सोचे बिना कोई भी कदम उठाने से बाज नही आते चाहे नतीजा कुछ भी क्यों न हो।
बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार साधुराम दुल्हानी की बस्तर न्यूज सर्विस ने देखा कि जगदलपुर से रायपुर तक की यात्रा के लिए आम आदमी के पास एक मात्र साधन बस ही है जिसमें भारी भरकम भाड़ा चुकाकर चालक के भरोसे ही वे एक सुरक्षित यात्रा की आस लिए सवार होते है लेकिन यह देखकर हैरत होती है कि इन चालकों को न तो स्वयं के सुरक्षा की परवाह होती है और न अपने पर निर्भर यात्रियों की। इसलिए बस चलाते समय न तो वे यातायात नियमों की परवाह करते है और न अपनी ओर से अपनाए जाने वाले सावधानी और सतर्कता की जबकि उन्हें भलीभांति ज्ञात है कि इन सबका नतीजा कितना भयावह हो सकता है। दुख तो इस बात का है कि चालकों की ऐसी मनमानी, लापरवाही और उतावलेपन की कीमत मासूम यात्रियों को चुकानी पड़ती है। हादसा हो जाने के बाद किसी को चाहे कोई भी सजा क्यों न मिले होने वाले नुकसान की भरपाई कभी नही हो पाती और न ही पछतावे से कुछ हासिल हो पाता है फिर भी लोग क्यो नही समझना चाहते .यही आश्चर्य का विषय है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर 14 नवंबर की अल सुबह हुई बस दुर्घटना बस चालक की ऐसी ही मन:स्थिति का एक दुखद परिणाम है। जैसा कि घटना के बारे में बताया गया है घटना दिवस रायपुर से 13 नवंबर की रात्रि रवाना हुई एक यात्री बस बेतहाशा गति से चलती हुई अल सुबह भानपुरी के पास अपने सामने चल रहे एक तेज रफ्तार ट्रक को ओव्हरटेक करने की कोशिश में अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। टक्कर इतनी भयावह थी कि उसके दरवाजे वाला हिस्सा डिवाइडर से चिपक गया। यह तो ईश्वर की असीम कृपा थी कि बस में सवार यात्रियों को मामूली चोट पहुंची। कुछ ही दिन पूर्व ऐसी ही एक भयावह दुर्घटना में एक तेज रफ्तार बस ने मेटावाड़ा के पास ओव्हर टेक करने के नशे में एक कार को अपनी चपेट में ले ली जिससे कार में सवार पांच दोस्तों की जान चली गई। सड़क सुरक्षा एवं यातायात सप्ताह के लिए सरकार तो सजग है विभाग भी सक्रिय है लेकिन हम कब जागरुक होंगे।

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