संजीव-नी।
आओ दें पैगाम आत्म सम्मान का।

जो जैसा बोयेगा
वैसा ही तो पायेगा,
हिंसा नफरत ईर्ष्या
यदि विश्व में फैलाओगे
शांति अमन चैन
कहां से पाओगे।
रूस यूक्रेन युद्ध
विस्तार वाद की परिणति
लाखों लोगों ने देदी
इस हिंसा में आहुति।
बेघर हुई मानव जाति
बच्चे, बूढ़े ,स्त्रियां और मासूम
यूक्रेन रूस युद्ध में
कितने कितने हुए गुमसुम
मुरझा गए आकाश कुसुम,
अमेरिका ,यूरोप निर्दयी हो गए
रूस-यूक्रेन ने युद्ध की आग में
घी डालकर हवन कर गए।
पाकिस्तान आतंक को पालकर
हिंसा को अपनी ढाल बनाकर
अपने ही घर को जलाकर
अब आंसू बहा रहा है,
विदेशों से सहायता मांग कर
अपना घर चला रहा है।
भारत ने बोया पौधा शांति का
अब दुनिया को देशों को
दे रहा है संदेश
अमन चैन और शांति का।
अब भी संभल जाओ
दुनिया वालों,
आने वाली नस्ल के लिए
एक नन्हा पौधा लगाओ
पृथ्वी पर
अमन चैन और बहाली का
और पाओ फल वैश्विक खुशहाली का।
कुछ सीख लो
भारतीय वैदिक सनातन संस्कृति से
और
पा जाओ कुछ
ईश्वर से ऐसा प्रसाद
जो तुम्हें देगा,
एक पैगाम
वृहद सद्गति और शांति का,
फिर कहीं नहीं होगी हिंसा
युद्ध और संताप।
नहीं करना पड़ेगा
मानव जाति को
युद्ध और हिंसा पर पश्चाताप
और मृत्यु का भयानक संताप,
फिर सब जिएंगे
आत्मसम्मान
और गौरव के साथ,
अमन चैन होगा मासूमों के हाथ,
अनंत शुभकामनाओं
और खुशहाली के साथ।
संजीव ठाकुर, रायपुर छत्तीसगढ़,