छत्तीसगढ़ प्रदेश

छत्तीसगढ़ में भूकंप, 25 मिनट में दो बार झटके, घरों से भागकर बाहर निकले लोग

Earthquake In Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में सोमवार शाम भूकंप के जोरदार झटके देखें गए। बताया जा रहा है भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 4.9 थी। यहीं नहीं 25 मिनट बाद भूकंप (Earthquake) का दूसरे झटके भी आया। एक के बाद एक दो भूकंप के झटकों से लोग डर गए और घरों से बाहर आ गए। इससे पहले 24 मार्च को अंबिकापुर से लगे सोनपुर में 4.1 तीव्रता का भूकंप आया था। उत्तरी छत्तीसगढ़ भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील भी है।

पहले झटके के कुछ देर बाद लोग वापस घरों में लौटे तो भूकंप (Earthquake) का दूसरा झटका भी आया। 8.26 बजे आफ्टरशॉक की तीव्रता पहले आए भूकंप से कम थी। लेकिन लगातार दो झटकों के कारण लोग घरों में जाने से भी कतरा रहे हैं।

अंबिकापुर से 4 KM दूर भूकंप का केंद्र

भूकंप का केंद्र अंबिकापुर से चार KM के दायरे में बताया गया है। भूकंप का झटका सरगुजा जिले के साथ सूरजपुर, बलरामपुर और कोरिया जिले के कुछ इलाकों में भी महसूस किया गया। वहीं सूरजपुर जिले के भटगांव एवं विश्रामपुर क्षेत्र में SECL की भूमिगत खदानों में तेज झटका महसूस किए जाने की खबर है।

उत्तर छत्तीसगढ़ बेहद संवेदनशील

इसके पूर्व शुक्रवार 24 मार्च की सुबह 10.28 बजे 4.1 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप (Earthquake) का केंद्र अंबिकापुर से 6 किलोमीटर दूर सोनपुर था।

10 अक्टूबर 2022 को शुक्रवार सुबह 5.28 बजे 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकपं का केंद्र बैकुंठपुर से 7 किमी की दूरी पर गेज बांध के करीब था।

04 अगस्त 2022 को 11.57 बजे 3.7 मेग्नीट्यूट तीव्रता का भूकंप (Earthquake) आया था, जिसका केंद्र सूरजपुर से 11 किलोमीटर दूर भूतल से 10 किलोमीटर अंदर था।

29 जुलाई 2022 को 4.7 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप का केंद्र बैकुंठपुर के पास सोनहत क्षेत्र में धरातल से 16 किलोमीटर की गहराई में था।

11 जुलाई 2022 को भी 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप का केंद्र बैकुंठपुर के पास सोनहत क्षेत्र में धरातल से 16 किलोमीटर की गहराई में था।

उत्तरी छत्तीसगढ़ में भूकंप के कई केंद्र, फाल्ट जोन में सरगुजा

सरगुजा जिला फाल्ट जोन में है जो कोरबा से सरगुजा के लखनपुर, अंबिकापुर, सूरजपुर जिले के शिवप्रसादनगर क्षेत्र से होकर कोरिया जिले के सोनहत तक है। यह फाल्ट लाइन MP के शहडोल से होकर जबलपुर तक है। इस कारण यहां भूकंप की आशंका बनी रहती है। 10 अक्टूबर 2000 को कोरबा-सरगुजा के बीच सुरता में 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका व्यापक असर हुआ था। वहीं वर्ष 2001 में अंबिकापुर क्षेत्र के गोरता में 3.6 तीव्रता का भूकंप आया था।

 

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