खास खबरछत्तीसगढ़ प्रदेश

भूपेश सरकार में रोजगार के अवसर भी ज्यादा और अब पूरा कर रही है बेरोजगारी भत्ते का वादा

*कुशासन, वादाखिलाफी, रोजगार छिनना और दुर्भावनापूर्वक आंकड़े छुपाना भाजपा की प्रवृत्ति है*

रायपुर/16 मार्च 2023। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भूपेश सरकार के व्यवहारिक निर्णयों से छत्तीसगढ़ में विगत 4 वर्षों में युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिले। ना केवल स्थाई और नियमित सरकारी नौकरी के अवसर मिले हैं बल्कि नई औद्योगिक नीति 2019 से 2024 के माध्यम से निजी क्षेत्रों में भी छत्तीसगढ़ में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। यही कारण है कि रमन सिंह के समय छत्तीसगढ़ में जो बेरोजगारी दर सितंबर 2018 में 20.2 परसेंट थी वह वर्तमान में घटकर 1 प्रतिशत से भी कम है। विगत 10 माह से लगातर छत्तीसगढ़ देशभर में सबसे कम बेरोजगारी दर वाला राज्य बना हुआ है। विगत 4 वर्षों में भूपेश सरकार ने देश के समक्ष आने को कीर्तिमान स्थापित किए हैं। रोजगार के क्षेत्र में यदि हम बात करें तो मनरेगा के तहत शत-प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने वाला राज्य देश में यदि कहीं कोई है तो वह छत्तीसगढ़ हैं। वनोपज का संग्रहण लगभग 600 गुना बढ़ा है। इसकी कुल खरीदी का 74 परसेंट अनुपात संग्रहण केवल छत्तीसगढ़ में हो रहा है। 12 लाख़ वनोपज संघ ग्राहकों को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाया जा रहा है ना केवल संग्रहण बल्कि वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग का लाभ भी स्थानीय समूह को दिया जा रहा है और उपज के दाम में भी वृद्धि हुई है। तेंदूपत्ता 2500 से बढ़ाकर 4000 रू. प्रति मानक बोरा खरीदी हो रही है। गोदना योजना के माध्यम से 400 करोड़ का भुगतान उठान समिति और गोपालकों को किया गया है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वालों की संख्या वर्तमान में लगभग 26 लाख है जो पूर्ववर्ती सरकार के समय केवल 12 लाख़ थी, अर्थात 14 लाख नये पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ी है। विगत 4 वर्षों से कर्मचारी भविष्य निधि में कुल सदस्य संख्या में हर साल लगभग डेढ़ से 2 लाख़ नए सदस्यों की वृद्धि हुई है, अर्थात् विगत 4 वर्षों मे लगभग साढ़े 6 लाख़ नए रोज़गार निजी क्षेत्रों में मिले हैं। दूसरी तरफ केंद्र की मोदी सरकार में नए रोजगार तो दूर लगभग 23 करोड़ हाथों से रोजगार छीनने का काम मोदी सरकार ने किया है। युवाओं की लगी लगाई नौकरी खा गए। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या जो 2014 में 40 करोड़ थी वह केंद्र सरकार के आंकड़ों में है 81 करोड़ हो गई है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि देश में आम जनगणना हर 10 वर्ष में कराने की परंपरा रही है लेकिन मोदी सरकार दुर्भावना पूर्वक अपनी नाकामी छुपाने आंकड़े उजागर नहीं होने देना चाहती है। यही कारण है कि एनएसएसओ जो केंद्र सरकार के जैसी है उसके द्वारा विगत 8 वर्षों से किसी भी तरह के बेरोजगारी और महंगाई को लेकर आंकड़े जारी ही नहीं किए जा रहे। हकीकत यह है कि मोदी राज में यदि किसी का विकास हुआ है तो वह महंगाई का विकास है, बेरोजगारी का विकास है, अमीरी और गरीबी के बीच बढ़ती असमानता का विकास है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि 15 साल के कुशासन में रमन सरकार ने न रोजगार दिए ना ही बेरोजगारी भत्ता, जबकि 2003 के घोषणापत्र में भाजपा का वादा था छत्तीसगढ के प्रत्येक आदिवासी परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और प्रत्येक 12वीं पास रोज़गार कार्यालय में पंजीकृत युवा को बेरोजगारी भत्ता देने का। 15 साल सरकार में रहे लेकीन याद नहीं आया, लगातार वादाखिलाफी करते रहे। भूपेश सरकार ने तो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में रोजगार मिशन का गठन भी किया है। सभी क्षेत्रों में रोजगार के नए-नए अवसर मिल रहे हैं साथ ही जो पात्र युवा है उन्हें बेरोजगारी भत्ता की व्यवस्था भी 1 अप्रैल 23 से बेरोजगारी भत्ता देने की व्यवस्था भी की जा रही है तो भाजपाई अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button